७॰ सूर्यास्त के उपरान्त "सुन्दरकाण्ड" का पाठ करना चाहिए। पाठ के दौरान स्वयं की लम्बाई के बराबर कच्चे सूत के धागे से बनी बत्ती का तेल से दीपक प्रज्जवलित रखें तथा प्रत्येक शनिवार को किसी भी हनुमान मन्दिर में हनुमान जी की प्रतिमा को सिंदूर, चमेली का तेल, चांदी के वर्क से चोला चढ़ावें। जनेऊ, लाल फूल की माला, लड्डु तथा पान अर्पण करें।
८॰ सात प्रकार के धानों का दान तथा शनिवार को प्रातः पीपल का पूजन करें।
९॰ लाजवन्ती, लौंग, लोबान, चौलाई, काला तिल, गौर, काली मिर्च, मंगरैला, कुल्थी, गौमूत्र आदि में से जो भी प्राप्त हो (कम से कम पांच या सात) के चूर्ण को जल में मिलाकर दक्षिणमुखी खड़े होकर स्नान करें। इस जल से स्नान करने के पश्चात् किसी भी तरह का साबुन या तेल का प्रयोग नहीं करें।
१०॰ बिच्छु की जड़ या शमी वृक्ष की जड़ का पूजन कर अभिमंत्रित कर काले कपड़े में बाँधकर श्रवण नक्षत्र में विधि पूर्वक धारण करने से शनि दोष क्षीण होता है।
११॰ लाल चंदन या काली वैजयन्ती की अभिमंत्रित माला धारण करें।
१२॰ शनिवार के दिन काले उड़द, तेल, तिल, लोहे से बनी वस्तु तथा श्याम वस्त्र दान देने से शनि पीड़ा का शमन होता है।
१३॰ काले घोड़े की नाल को प्राप्त कर उसमें से अपनी मध्यमा अंगुली की नाप का छल्ला बनवायें। इस छल्ले का मुँह खुला रखें। शनिवार के दिन कच्चे सूत से अपनी लम्बाई नाप कर उसको मोड़कर बत्ती बनाए, इस बत्ती से तेल का दीपक प्रज्जवलित कर उसमें छल्ला डाल दें तथा निम्नलिखित मन्त्र का काली वैजयन्ती माला से ५ माला जप करें-"ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनेश्चराय नमः" मंत्र जप के उपरान्त क्रमशः जल, पंचामृत तथा गंगाजल से छल्ले को स्नान कराकर मध्यमा अंगुली में धारण करें।
१४॰ एक गट (सूखा नारियल) लेकर उसमें चाकू से छोटा सा गोल छेद काट लें। इस छेद से नारियल में बूरा तथा बादाम, काजू, किशमिश, पिस्ता, अखरोट या छुआरा भी गट में भरें। अब इसे पुनः बन्द कर किसी पीपल के पास भूमि के अन्दर इस प्रकार गाड़ दें की चीटियां आसानी से तलाश लें, किन्तु अन्य जानवर न पा सकें। घर लौटकर पैर धोकर घर में प्रवेश करें। इस प्रकार ८ शनिवार तक यह क्रिया सम्पन्न करें।
१५॰ शिवलिंग पर कच्चा दूध चढावें व अमोघ शिव कवच का पाठ करें।
१६॰ प्रत्येक शनिवार जौ के आटे से बनी गोलियाँ मछलियों को खाने को डालें।
१७॰ शनि वज्रपंजर कवचदशरथ-कृत-शनि-स्तोत्र अथवा शनैश्चरस्तवराजः का नियमित पाठ करें।
१८॰ एक काला छाता, सवा किलो काले चने, सवा किलो काले तिल, काला कम्बल, तेल का दीपक शनिवार कि दिन शनिदेव के मन्दिर में दान करें। |